Karpuri Thakur Kaun The I भारत रत्न से सम्मानित किया जायगा जाने कर्पूरी ठाकुर कौन थे I

कर्पूरी ठाकुर कौन थे ? बिहार के रहने वाले कर्पूरी ठाकुर के बारे में अचानक से चर्चा शुरू हो गयी हैं I आज के इस आर्टिकल का शीर्षक की karpuri Thakur kaun the से आप ये तो समझ गए होंगे की इस महान व्यक्ति का निधन हो चुका हैं I 24 January का दिन देश में मुख्य रूप से बिहार में जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाई जाती हैं I इस आर्टिकल में हम आपको कर्पूरी ठाकुर का जीवन परिचय बहुत ही कम शब्दों में आपको बताएँगे I

कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोसना की गयी हैं I इसलिए भी आपका जानना जरुरी हैं की Karpuri thakur Kaun the नितीश कुमार और लालू यादव के गुरु के रूप में भी उन्हें जाना जाता हैं I बिहार में लोग उन्हें जननायक के रूप में भी याद करते हैं और उन्हें जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम से जानते हैं I

karpuri Thakur kaun the I Karpuri Thakur Jayanti : कर्पूरी ठाकुर कौन थे ?

कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 को बिहार राज्य के समस्तीपुर जिले के एक छोटे से गांव पीतौंझियां में हुआ था। अब इस गांव का नाम कर्पूरी ग्राम रख दिया गया हैं। इनके पिता का नाम श्री गोकुल ठाकुर था और इनकी माता का नाम श्रीमती राम दुलारी देवी था। गरीबों के प्रति सहानभूति और दबे पिछड़े लोगों की आवाज बनने की वजह से कर्पूरी ठाकुर लोगों के बीच विख्यात हुए थे।

Short Bio karpuri Thakur kaun the

Sl.No.Short info of Karpuri Thakur Description
1.नाम एवं उपनाम कर्पूरी ठाकुर (जननायक कर्पूरी ठाकुर)
2.माता का नाम श्रीमती राम दुलारी देवी
3.पिता का नामश्री गोकुल ठाकुर
4.जन्म स्थान बिहार समस्तीपुर जिला
5.गाँव का नाम पीतौंझियां (वर्तमान नाम कर्पूरी ग्राम )
6.जाती (Caste)कुर्मी
7.जन्म तिथि 24 जनवरी1924
8.देहांत 17 फरवरी 1988
9.राजनितिक स्थिति दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं
11th CM 1971 , 1977
10.स्वतन्त्रता संग्राम में भूमिका भारत छोड़ो आन्दोलन में दो साल जेल में रहे हैं
11.भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानभारत रत्न से सम्मानित किया जाना हैं
12.पोस्टल स्टाम्प 1991 में उनके नाम से पोस्टल स्टाम्प जारी किया गया

क्यों नाम पड़ा जननायक कर्पूरी ठाकुर

बिहार राज्य में जननायक के नाम से प्रसिद्ध जननायक कर्पूरी ठाकुर को लोगों के प्रति प्रेम जनकल्याण और देश सेवा के कारण जननायक के रूप में जाना जाता हैं। आजादी के पहले से ही वो हमेशा लोगों के लिए काम करते आए हैं। पिछड़े दबे कुचले और जरूरतमंदों की आवाज के कारण जननायक के रूप में उभरे कर्पूरी ठाकुर भारत छोड़ो आन्दोलन में दो सालों तक जेल में रह चुके हैं।

Karpuri Thakur Jayanti

लोककल्याण, देश सेवा और बिहार की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले इस महान व्यक्तित्व को बिहार में 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की जयंती के रूप में मनाया जाता हैं। उनको जयंती से ठीक पहले संसद भवन में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने के लिए उनका नाम प्रस्तावित किया गया हैं। उनके अहम भूमिका के लिए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना हैं। यही कारण हैं की इस समय उनकी चर्चा जोरों पर हैं। और सभी उनके बारे जानना चाह रहे हैं। उम्मीद हैं हमारे इस आर्टिकल से आपको पता चल रहा होगा की karpuri thakur kaun hai.

राजनीति में आने के बाद कर्पूरी ठाकुर के द्वारा किये गए महत्वपूर्ण काम

देश की राजनीति में वो बहोत पहले से ही अप्रत्यक्ष रूप से सक्रिय थे। पर प्रत्यक्ष रूप से बातवकारे तो 1952 में पहली बार उन्हें बिहार विधानसभा चुनाव से राजनीतिक पहचान मिली । 1952 में कर्पूरी ठाकुर बिहार विधानसभा चुनाव जीते थे । इसके बाद 1967 में बिहार के उपमुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने शपथ लिया। उपमुखमंत्री रहते हुए कर्पूरी ठाकुर ने बिहार राज्य में अंग्रेजी की अनिवार्यता को समाप्त किया। जिस कारण उनकी आलोचनाओं ने उन्हें और भी प्रसिद्ध बनाया हैं।

1970 और 1977 में बने थे मुख्यमंत्री

बिहार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में सन 1970 में पहली बार उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिया। हालाकी उनका यह कार्यकाल केवल 163 दिन का ही था। दूसरी बार फिर 1977 में उन्हें जनता ने एक बार फिर बिहार का मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया। कांग्रेस के खिलाफ लड़ने वाले नेता के रूप में इन्हे जाना जाता था। ये हमेशा से कांग्रेस पार्टी के विरुद्ध लड़े। 1977 के चुनाव में जनता पार्टी की लहर थी जिसमे उन्हें दूसरी बार जीत हासिल हुई थी। जनता में उनकी लोकप्रियता और जनकल्याण के भावना ने उन्हें मुख्यमंत्री के पद पर पहुंचाया । लेकिन दूसरी बार भी कर्पूरी ठाकुर मुख्यमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।

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कर्पूरी ठाकुर के द्वारा किये गए महत्वपूर्ण कार्य

आइए कुछ बुलेट पॉइंट्स की मदद से कर्पूरी ठाकुर के द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों के बारे जानते हैं और समझते हैं की karpuri Thakur kaun the :

  • उपमुख्यमंत्री बनाने के बात बिहार राज्य के ऑफिशियल कार्यों में इंग्लिश की अनिवार्यता समाप्त की।
  • अंग्रेजी की अनिवार्यता को समापत करते हुए हिंदी के उपयोग पर जोर दिया।
  • बिहार में मैट्रिक तक की पढ़ाई मुफ्त कर दिया।
  • बिहार में इनकी लोकप्रियता को देखते हुए कांग्रेस ने 2020 में कांग्रेस ने अपने घिसना पत्र में कर्पूरी ठाकुर सुविधा केंद्र खोलने का ऐलान किया था।
  • मुख्यमंत्री रहते हुए मुंगेरी लाल आयोग के तहत पिछड़े जाती के लोगों के लिए 12% आरक्षण और अति पिछड़ा वर्ग के लिए 8% आरक्षण लागू किया ।

निस्कर्स

कर्पूरी ठाकुर कौन थे (Karpuri Thakur Kaun The) आज के इस आर्टिकल में हमने कर्पूरी ठाकुर के जीवन के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी हैं। 24 जनवरी को बिहार में उनकी जयंती मनाई जाती हैं। ठीक उनके जन्मदिन से पहले संसद भवन में ये घोसना से ये पता चला है की कर्पूरी ठाकुर जी को भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से 2024 में सम्मानित किया जाएगा। इसी वजह से karpuri thakur news को लेकर चर्चा में हैं। एक स्टूडेंट रहते हुए भी आपको इनके बारे में जानना जरूरी हैं। यह एक संक्षिप्त जानकारी हैं जोनापके काम के लिए पर्याप्त हैं विस्तृत जानकारी के लिए विकिपीडिया के इस लिंक पर आप क्लिक कर के इनके बारे और भी जानकारी ले सकते हैं।

अतः हमारा आज् का आर्टिकल आपको कैसा लगा हमे जरूर बताएं अपने सुझाव और इक्षा आप हमे मेल कर सकते हैं। हमारे ब्लॉग के कॉन्टैक्ट पेज या about page पर भी जाकर आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। धन्यवाद..।।

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